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औरन का गड्ढा चाहे ताको कूप तैयार अर्थ, प्रयोग(Auran ka gaddha chahe tako koop taiyaar)

“औरन का गड्ढा चाहे ताको कूप तैयार” हिंदी भाषा का एक गहरा मुहावरा है, जिसका उपयोग अक्सर उस स्थिति को दर्शाने के लिए किया जाता है जब कोई व्यक्ति दूसरों के नुकसान की सोचता है, पर अंततः वह नुकसान उसी को भुगतना पड़ता है।

परिचय: यह मुहावरा उस विचार को प्रकट करता है कि जब कोई व्यक्ति दूसरों को हानि पहुंचाने का प्रयास करता है, तो वह हानि कभी-कभी उसी पर वापस आ जाती है। इसका अर्थ है कि बुरे कर्मों का फल अक्सर खुद बुरे कर्म करने वाले को ही मिलता है।

अर्थ: “औरन का गड्ढा चाहे ताको कूप तैयार” का शाब्दिक अर्थ है कि अगर आप किसी के लिए गड्ढा खोदते हैं, तो तैयार रहें कि वह गड्ढा आपके लिए कुआँ बन सकता है।

प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग तब किया जाता है जब हम किसी को यह सिखाना चाहते हैं कि दूसरों को नुकसान पहुंचाने के इरादे से की गई कोई भी कार्रवाई आखिरकार खुद उसी व्यक्ति के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकती है।

उदाहरण:

मान लीजिए, एक व्यक्ति ने अपने पड़ोसी के नुकसान के लिए उसके रास्ते में एक गड्ढा खोद दिया। परंतु, कुछ ही समय बाद वह खुद उसी गड्ढे में गिर गया। इस प्रकार, उसने जो गड्ढा दूसरों के लिए खोदा था, वह उसके लिए ही कुआँ बन गया।

निष्कर्ष: इस मुहावरे से हमें यह सीख मिलती है कि दूसरों के लिए बुराई करने की सोच हमेशा खुद के लिए भी बुराई ला सकती है। इसलिए, यह हमें दूसरों के प्रति दयालु और सहायक होने की प्रेरणा देता है और यह सिखाता है कि हमारे कर्म ही हमारे जीवन को आकार देते हैं।

Hindi Muhavare Quiz

औरन का गड्ढा चाहे ताको कूप तैयार मुहावरा पर कहानी:

एक गाँव में सुरेंद्र नाम का एक किसान रहता था। वह अपने पड़ोसी, श्याम की सफलता से ईर्ष्या करता था। श्याम की फसलें हमेशा अच्छी होती थीं और वह गाँव में सम्मानित था। सुरेंद्र, जो खुद कम मेहनत करता था, हमेशा श्याम की प्रगति को रोकने के उपाय सोचता रहता।

एक दिन, सुरेंद्र ने श्याम को नुकसान पहुँचाने के लिए उसके रास्ते में एक बड़ा गड्ढा खोद दिया। उसने सोचा कि श्याम अँधेरे में गड्ढे में गिर जाएगा और चोटिल हो जाएगा। लेकिन उस रात कुछ और ही हुआ।

सुरेंद्र, जो अपने काम की सफलता देखने के लिए जल्दबाजी में था, अंधेरे में खुद उसी गड्ढे में गिर गया। वह गंभीर रूप से चोटिल हो गया और कई दिनों तक बिस्तर पर रहा।

इस बीच, श्याम ने सुरेंद्र की दुर्घटना के बारे में सुना और उसकी मदद के लिए आगे आया। श्याम ने न केवल सुरेंद्र की देखभाल की, बल्कि उसके खेतों की देखभाल भी की। सुरेंद्र को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने श्याम से माफी मांगी।

निष्कर्ष

इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि “औरन का गड्ढा चाहे ताको कूप तैयार” – यानी दूसरों के लिए बुराई करने की सोच अक्सर खुद के लिए भी बुराई ला सकती है। इसलिए, हमेशा दूसरों के प्रति सद्भावना रखनी चाहिए, क्योंकि हमारे कर्म हमें परिभाषित करते हैं।

शायरी:

बुराई का जो दामन थामे, वो खुद में ही उलझ जाता है,

“औरन का गड्ढा” खोदने वाला, खुद ही उसमें गिर जाता है।

जो बोया है, वही तो काटेगा, ये जीवन का नियम है पुराना,

दूसरों की खुदाई में लगे हो, तो खुद भी हो जाओगे वीराना।

दिलों में नफरत की जो आग लगाए,

अक्सर वो खुद ही उसमें जल जाए।

दूसरों के लिए जो गड्ढा खोदे,

खुद उसमें गिरकर, सबक सिखोड़े।

सोच समझ कर कदम बढ़ाना, जीवन की ये बात सुनाना,

जो दूसरों के लिए करते हो, वही तुम पे भी आना।

यही सिखाता है ये जीवन, हर दिन नया सबक सिखाता,

जो दूसरों के लिए गड्ढा खोदे, वही उसमें गिरकर पछताता।

 

औरन का गड्ढा चाहे ताको कूप तैयार शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of औरन का गड्ढा चाहे ताको कूप तैयार – Auran ka gaddha chahe tako koop taiyaar Idiom:

“औरन का गड्ढा चाहे ताको कूप तैयार” is a profound Hindi idiom often used to describe situations where a person intending to harm others ends up harming themselves.

Introduction: This idiom expresses the notion that when someone attempts to harm others, that harm sometimes comes back to them. It means that the consequences of bad deeds often befall the one who commits them.

Meaning: The literal meaning of “औरन का गड्ढा चाहे ताको कूप तैयार” is that if you dig a hole for someone else, be prepared for it to become a well for yourself.

Usage: This idiom is used when we want to teach someone that any action taken with the intention of harming others can ultimately prove harmful to the person themselves.

Usage:

For instance, suppose a person dug a hole in the path of his neighbor to cause harm. However, soon after, he himself fell into that very hole. Thus, the hole he dug for others became a pitfall for himself.

Conclusion: This idiom teaches us that the intent to harm others can always bring harm to ourselves as well. Therefore, it inspires us to be kind and helpful to others and teaches us that our actions shape our lives.

Story of ‌‌Auran ka gaddha chahe tako koop taiyaar Idiom in English:

In a village, there lived a farmer named Surendra. He was envious of his neighbor, Shyam’s, success. Shyam’s crops were always bountiful, and he was well-respected in the village. Surendra, who himself worked less, was always thinking of ways to hinder Shyam’s progress.

One day, Surendra dug a large hole in Shyam’s path, intending to harm him. He thought Shyam would fall into the hole in the dark and get injured. But something else happened that night.

Surendra, in a hurry to see the success of his act, fell into the hole himself in the darkness. He was severely injured and had to stay in bed for many days.

Meanwhile, Shyam learned about Surendra’s accident and stepped forward to help. Shyam not only took care of Surendra but also looked after his fields. Surendra realized his mistake and apologized to Shyam.

Conclusion

This story teaches us the lesson of the idiom “औरन का गड्ढा चाहे ताको कूप तैयार” – meaning that thinking of harming others can often bring harm to oneself as well. Therefore, we should always harbor goodwill towards others, as our actions define us.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या इस मुहावरे का कोई विशेष ऐतिहासिक संदर्भ है?

नहीं, इस मुहावरे का कोई विशेष ऐतिहासिक संदर्भ नहीं है, यह आम जीवन में लोगों की सोच और क्रियाओं को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त होता है।

इस मुहावरे का प्रयोग किस स्थिति में हो सकता है?

जब किसी को कोई महत्वपूर्ण कार्य करना हो और उसे सब कुछ संभालकर तैयारी करनी हो, तो यह मुहावरा उपयुक्त हो सकता है।

क्या है “औरन का गड्ढा चाहे ताको कूप तैयार” का मतलब?

इस मुहावरे का अर्थ है कि कोई व्यक्ति अगर किसी कार्य को बड़ी शिद्दत से करना चाहता है, तो उसे हर संभावितता के लिए तैयार रहनी चाहिए।

क्या इस मुहावरे का कोई विरोधाभास है?

नहीं, यह मुहावरा किसी विरोधाभास के बिना सामान्य रूप से उपयोग किया जा सकता है।

इस मुहावरे का सामान्य उपयोग क्या है?

यह मुहावरा विभिन्न परिस्थितियों में, जैसे कि प्रोजेक्ट्स, परीक्षाएं या सजीव में किसी बड़े परिवर्तन के लिए तैयारी करने की बात करते हुए प्रयुक्त हो सकता है।

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