Budhimaan

अधजल गगरी छलकत जाए मुहावरा, अर्थ, प्रयोग(Adhjal Gagri Chalkat Jaye)

अर्थ: ‘अधजल गगरी छलकत जाए’ इस मुहावरे का अर्थ है कि जब किसी व्यक्ति की अधिक अहंकार या गर्व होता है, और वह अपनी सीमा से अधिक दिखावा करता है। इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब किसी व्यक्ति का अहंकार उसकी सीमा से अधिक हो जाता है।

प्रयोग: जब किसी व्यक्ति का दिखावा या अहंकार उसकी सीमा से अधिक हो, तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है।

उदाहरण: राम ने अपनी नई बाइक को दिखाते हुए सभी मित्रों को बताया कि वह कितनी महंगी है। इस पर श्याम ने कहा, “राम, तुम तो ‘अधजल गगरी छलकत जाए’ की तरह बहुत दिखावा कर रहे हो।”

विशेष टिप्पणी: यह मुहावरा हमें यह सिखाता है कि हमें अपनी सीमा में रहकर ही अच्छा लगता है। अधिक दिखावा या अहंकार से हमें नुकसान हो सकता है। इसलिए, हमें संतुलित रहना चाहिए।

Hindi Muhavare Quiz

अधजल गगरी छलकत जाए मुहावरा पर कहानी:

राज और सुरेश दोनों ही एक ही गाँव में रहते थे। राज एक साधारण किसान था, जबकि सुरेश गाँव में सबसे बड़ा व्यापारी था। सुरेश को अपनी सम्पत्ति और स्थिति का गर्व था, और वह हमेशा अपनी धन-संपत्ति का दिखावा करता था।

एक दिन, गाँव में मेला आया। सुरेश ने वहाँ एक बड़ा स्टॉल लगाया और अपने सभी माल को प्रदर्शित किया। वह अपने स्टॉल के पास खड़ा होकर लोगों से कहता था कि उसके पास गाँव में सबसे अच्छा और महंगा सामान है।

राज भी मेले में आया था। वह सुरेश के स्टॉल के पास गया और देखा कि सुरेश अपने सामान की तारीफ में बहुत अधिक बोल रहा था। राज ने सुरेश से कहा, “सुरेश भैया, आपका सामान तो अच्छा है, लेकिन इसे इतना बड़ा बनाने की जरूरत नहीं है।”

सुरेश नाराज हो गया और बोला, “तुम्हें क्या पता, मेरे पास कितना अच्छा सामान है।”

राज मुस्कराया और बोला, “सुरेश भैया, आप ‘अधजल गगरी छलकत जाए’ की तरह बहुत दिखावा कर रहे हैं। अधिक दिखावा से आपका सामान अच्छा नहीं हो जाएगा।”

सुरेश कुछ समझा और वह समझ गया कि वास्तव में उसे अपनी सीमा में रहकर ही अच्छा लगता है। उसने राज का धन्यवाद किया और समझा कि अधिक दिखावा से कोई भी बड़ा नहीं होता।

शायरी:

अधजल गगरी में छलके जो पानी,

दिखावे में खो जाए असली कहानी।

जो अधिक दिखावा करे बार-बार,

वही खोता है असली अदाकार।

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of अधजल गगरी छलकत जाए – Adhjal Gagri Chalkat Jaye Proverb:

Meaning: The proverb “Adhjal Gagri Chalkat Jaye” translates to when a person is overly arrogant or proud and tends to show off more than necessary. This proverb is used when someone’s pride or show-off exceeds their limits.

Usage: This proverb can be used when someone’s display of pride or arrogance exceeds their boundaries.

Example: Ram was showing off his new bike to all his friends, telling them how expensive it was. On this, Shyam commented, “Ram, you are showing off like ‘Adhjal Gagri Chalkat Jaye’.”

Special Note: This proverb teaches us that it’s always better to stay within our limits. Excessive show-off or arrogance can be harmful. Therefore, one should always strive to remain balanced.

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

FAQ

क्या “अधजल गगरी छलकत जाए” मुहावरे का प्रयोग किसी स्वर्गिक या धार्मिक संदर्भ में हो सकता है?

हां, कई बार यह मुहावरा स्वर्गिक या धार्मिक संदर्भ में भी प्रयोग हो सकता है, जब किसी व्यक्ति की अद्वितीय या आध्यात्मिक क्षमताओं की चर्चा होती है।

क्या इस मुहावरे का उपयोग किसी कला या संगीत संदर्भ में होता है?

हां, इस मुहावरे का उपयोग कला और संगीत संदर्भ में भी होता है, खासकर जब कलाकार अपनी कला की अद्वितीयता को प्रकट करते हैं।

क्या “अधजल गगरी छलकत जाए” मुहावरे का उपयोग हास्यपूर्ण संदर्भ में होता है?

यह मुहावरा आमतौर पर गंभीर या प्रेरणादायक संदर्भ में प्रयोग होता है, हास्यपूर्ण संदर्भ में इसका प्रयोग कम होता है।

क्या इस मुहावरे का उपयोग विद्यालय या शैक्षिक संस्थानों में होता है?

हां, इस मुहावरे का उपयोग शिक्षा संस्थानों में भी हो सकता है, खासकर जब किसी छात्र या छात्रा की असली क्षमताओं की प्रशंसा की जा रही हो।

क्या इस मुहावरे का कोई अंग्रेजी समकक्ष है?

इसका अंग्रेजी में सटीक समकक्ष नहीं है, लेकिन यह “to hide one’s light under a bushel” कहा जा सकता है, जिसका अर्थ भी समान है।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

यह मुहावरा अ से शुरू होने वाले मुहावरे पेज पर भी उपलब्ध है।

टिप्पणी करे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Budhimaan Team

Budhimaan Team

हर एक लेख बुधिमान की अनुभवी और समर्पित टीम द्वारा सोख समझकर और विस्तार से लिखा और समीक्षित किया जाता है। हमारी टीम में शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ और अनुभवी शिक्षक शामिल हैं, जिन्होंने विद्यार्थियों को शिक्षा देने में वर्षों का समय बिताया है। हम सुनिश्चित करते हैं कि आपको हमेशा सटीक, विश्वसनीय और उपयोगी जानकारी मिले।

संबंधित पोस्ट

"खुदा गंजे को नाखून न दे - मुहावरे का चित्रण", "जीवन में संसाधनों का उचित उपयोग दर्शाती छवि", "Budhimaan.com पर आवश्यकताओं की महत्वपूर्णता पर प्रकाश", "अनुचित आवंटन की विडंबना को उजागर करती तस्वीर", "समझदारी और व्यावहारिकता की सीख देता बुद्धिमानी छवि"
Uncategorized

खुदा गंजे को नाखून न दे अर्थ, प्रयोग (Khuda ganje ko nakhun na de)

परिचय: “खुदा गंजे को नाखून न दे” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जो व्यंग्यात्मक ढंग से उस स्थिति का वर्णन करता है जब किसी व्यक्ति

Read More »
"खाल ओढ़ाए सिंह की मुहावरे का चित्रण", "असली पहचान और दिखावे के बीच का अंतर", "वास्तविकता बनाम आवरण का चित्र", "सिंह की खाल में छिपा स्यार का इलस्ट्रेशन", "Budhimaan.com पर जीवन की वास्तविकता का पाठ"
Hindi Muhavare

खाल ओढ़ाए सिंह की, स्यार सिंह नहीं होय अर्थ, प्रयोग (Khal odhaye singh ki, Siyar singh nahi hoye)

परिचय: “खाल ओढ़ाए सिंह की, स्यार सिंह नहीं होय” एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है जो यह बताता है कि केवल बाहरी दिखावे से किसी की

Read More »
जीवन-उतार-चढ़ाव-चित्रण, घी-चना-जीवन-मुहावरा-इमेज, जीवन-संघर्ष-और-सफलता-कला, हिंदी-मुहावरा-विवेचना, Budhimaan.com-जीवन-शैली-सुझाव
Hindi Muhavare

कभी घी घना, कभी मुट्ठी भर चना, कभी वो भी मना अर्थ, प्रयोग (Kabhi ghee ghana, Kabhi mutthi bhar chana, Kabhi wo bhi manaa)

परिचय: “कभी घी घना, कभी मुट्ठी भर चना, कभी वो भी मना” एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है जो जीवन में उतार-चढ़ाव और समय की अनिश्चितता

Read More »
"खाइए मनभाता पहनिए जगभाता मुहावरे का चित्रण", "गाँव की शादी में समाज के अनुरूप वेशभूषा में युवक", "सादगीपसंद खाने और समाजिक वस्त्रों में संतुलन", "Budhimaan.com पर जीवन शैली और संस्कृति"
Hindi Muhavare

खाइए मनभाता, पहनिए जगभाता अर्थ, प्रयोग (Khaiye manbhata, Pahniye jagbhata)

परिचय: “खाइए मनभाता, पहनिए जगभाता” यह एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है जो जीवन में एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की सलाह देता है। यह मुहावरा हमें

Read More »
"करनी न करतूत, लड़ने को मजबूत मुहावरे का चित्रण", "सकारात्मक कार्यों में ऊर्जा निवेश करते व्यक्ति की छवि", "Budhimaan.com पर सकारात्मक योगदान की प्रेरणा", "विवादों की बजाय कर्म पर ध्यान केंद्रित करता किसान"
Hindi Muhavare

करनी न करतूत, लड़ने को मजबूत अर्थ, प्रयोग (Karni na kartoot, Ladne ko majboot)

परिचय: “करनी न करतूत, लड़ने को मजबूत” एक हिंदी मुहावरा है जो उन व्यक्तियों के व्यवहार को उजागर करता है जो वास्तव में तो कुछ

Read More »

आजमाएं अपना ज्ञान!​

बुद्धिमान की इंटरैक्टिव क्विज़ श्रृंखला, शैक्षिक विशेषज्ञों के सहयोग से बनाई गई, आपको भारत के इतिहास और संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने ज्ञान को जांचने का अवसर देती है। पता लगाएं कि आप भारत की विविधता और समृद्धि को कितना समझते हैं।