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आधा तीतर आधा बटेर, अर्थ, प्रयोग(Adha teetar aadha bater)

परिचय: हिंदी भाषा समृद्ध है अपने अनगिनत मुहावरों और लोकोक्तियों के कारण, जो जीवन की सूक्ष्मताओं को बड़ी ही सरलता और सटीकता से व्यक्त करते हैं। “आधा तीतर आधा बटेर” भी ऐसा ही एक प्रचलित मुहावरा है जो विषमता या असंगतता की अवधारणा को दर्शाता है।

अर्थ: यह मुहावरा उस स्थिति को व्यक्त करता है जब कोई व्यक्ति या वस्तु किसी भी श्रेणी में पूर्णतया फिट नहीं बैठता, या जब किसी चीज़ के दो पहलू बिल्कुल भिन्न हों।

प्रयोग: यदि कोई छात्र विज्ञान और कला दोनों विषयों में सामान रूप से औसत प्रदर्शन करता है, तो उसे आधा तीतर आधा बटेर कहा जा सकता है।

विषमता पर व्याख्या: “आधा तीतर आधा बटेर” मुहावरे का सम्बन्ध विषमता से इस अर्थ में है कि जब कोई चीज़ या विचार पूर्ण रूप से एक नहीं होता, बल्कि दो भिन्न भागों में बंटा होता है जो सामंजस्यपूर्ण नहीं होते। यह एक ऐसी अवस्था को इंगित करता है जहाँ स्पष्टता का अभाव होता है, और परिणामस्वरूप, किसी निश्चित दिशा या श्रेणीकरण की कमी होती है।

इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहाँ दो भिन्नताएँ एक साथ मिल कर किसी चीज़ को अस्पष्ट या अनिश्चित बना देती हैं।

उदाहरण:

-> सुधीर की दुकान आधा रेस्तरां आधा किराना स्टोर है, जिससे ग्राहक कई बार भ्रमित हो जाते हैं। वाकई उसकी दुकान “आधा तीतर आधा बटेर” लगती है।

-> अपर्णा के जीवन की योजनाएँ आधी शहरी हैं और आधी ग्रामीण, जैसे कोई “आधा तीतर आधा बटेर”।

विशेष टिप्पणी: यह मुहावरा व्यक्ति के दोहरे व्यक्तित्व या दोहरे मानदंड को भी व्यक्त कर सकता है, जो किसी भी एक सिद्धांत या पहचान के साथ पूर्णता से मेल नहीं खाते।

निष्कर्ष: इस प्रकार, “आधा तीतर आधा बटेर” मुहावरे का उपयोग करके हम उन परिस्थितियों का वर्णन कर सकते हैं जहां विरोधाभास है, स्पष्टता की कमी है, या कोई वस्तु या विचार दो विरोधी ध्रुवों के बीच बैठता है। यह मुहावरा हमें यह भी सिखाता है कि स्पष्टता और निर्णय की एकता ही व्यक्तित्व या योजनाओं को सफलता की ओर ले जाती है।

Hindi Muhavare Quiz

आधा तीतर आधा बटेर मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे से गाँव में, अमन और अंश नाम के दो अजीब दोस्त रहते थे। अमन साहसी और निर्भीक था, जबकि अंश सतर्क और शांत था। दोनों के स्वभाव में दिन और रात का फर्क था, फिर भी वे अच्छे मित्र थे। गाँव वाले अक्सर कहते, “ये दोनों ‘आधा तीतर आधा बटेर’ की तरह हैं।”

अमन के साहसी होने के कारण, वह अक्सर बिना सोचे-समझे काम कर बैठता था। एक बार गाँव में बाढ़ आ गई और अमन ने बिना किसी तैयारी के नदी में कूद कर लोगों की मदद करने की ठानी। उसे बचाव दल द्वारा मुश्किल से बचाया गया।

इसके विपरीत, अंश ने स्थिति का आकलन किया, उपयोगी संसाधनों को इकट्ठा किया और तब नदी की ओर बढ़ा। उसने अमन की भांति अधीरता नहीं दिखाई।

गाँव वालों ने देखा कि अमन की जल्दबाजी ने उसे और अन्य लोगों को कैसे खतरे में डाला, जबकि अंश की बुद्धिमत्ता और संयम ने अधिक सहायता की।

इस कहानी से यह सिख मिलती है कि “आधा तीतर आधा बटेर” जैसे असंगत गुणों का मिश्रण कई बार असंतुलन पैदा कर सकता है। यह कहानी हमें यह भी बताती है कि हर व्यक्ति के अपने गुण होते हैं, और हमें उन्हें उनके अनूठे तरीके से मूल्यांकन करना चाहिए, ना कि उन्हें असामान्य तरीके से मिलाने की कोशिश करके।

शायरी:

आधा तीतर आधा बटेर की ये कहानी है अजीब,

दो रंग है जीवन में, फिर भी है तकदीर में नसीब।

उड़ान भरे दिल कहीं, सोच समझ की धरती पे टिकी,

इस जहां की रीत है पुरानी, जैसे हर शाम बे-नसीब।

बटेर कहे रुक जरा, तीतर कहे चल पड़े,

इन राहों में ख़ुद की तलाश में, हम ने कितने ख्वाब जोड़े।

सोच के सागर में डूब के, कभी बहक जाना चाहिए,

जिंदगी की इस बाजी में, हर मोड़ पे मोड़ आना चाहिए।

आधे अधूरे से लगते हैं, जब दो अधूरे मिलते हैं,

दुनिया वालों की नजर में, क्यों अजूबे से लगते हैं?

ख्वाहिशें हैं तीतर की, पर तकदीर बटेर जैसी,

जीवन इक मुकम्मल गजल है, बस हर पंक्ति अधूरी जैसी।

 

आधा तीतर आधा बटेर शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of आधा तीतर आधा बटेर – Half Partridge, Half Quail Idiom:

Introduction: The Hindi language is rich due to its countless idioms and proverbs, which express the subtleties of life with great simplicity and precision. The proverb “आधा तीतर आधा बटेर” (half partridge, half quail) is one such popular saying that represents the concept of incongruity or incompatibility.

Meaning: This idiom describes a situation when a person or object doesn’t fully fit into any category, or when two aspects of something are completely different.

Usage: If a student performs equally average in both science and arts, they could be referred to as “half partridge, half quail.”

Explanation of Incongruity: The idiom “half partridge, half quail” is related to incongruity in the sense that when something or an idea is not fully one thing but divided into two distinct parts that are not harmonious. It points to a state where there is a lack of clarity, and as a result, there is an absence of a definite direction or categorization.

This idiom is often used in situations where two differences together make something ambiguous or uncertain.

Examples:

-> Sudhir’s shop is half restaurant, half grocery store, which often confuses customers. Indeed, his shop appears to be “half partridge, half quail.”

-> Aparna’s life plans are half urban and half rural, like a “half partridge, half quail.”

Special Note: This idiom can also express a person’s dual personality or standards, which does not fully match with any one principle or identity.

Conclusion: Thus, by using the idiom “half partridge, half quail,” we can describe situations where there is a contradiction, a lack of clarity, or an object or idea that sits between two opposing poles. This idiom also teaches us that clarity and unity in decision-making lead personalities or plans towards success.

Story of ‌‌Half Partridge, Half Quail Idiom in English:

In a small village, there were two odd friends named Aman and Ansh. Aman was brave and fearless, whereas Ansh was cautious and calm. Their natures were as different as day and night, yet they were good friends. The villagers often said, “These two are like ‘half partridge, half quail.'”

Due to Aman’s bravery, he often acted without thinking. Once, when the village was flooded, Aman decided to jump into the river without any preparation to help people. He was barely saved by the rescue team.

In contrast, Ansh assessed the situation, gathered useful resources, and then proceeded towards the river. He did not show the impatience that Aman did.

The villagers saw how Aman’s haste put himself and others in danger, while Ansh’s intelligence and restraint provided more help.

This story teaches us that a mix of inconsistent qualities like “half partridge, half quail” can sometimes create imbalance. The story also tells us that every individual has their own virtues, and we should evaluate them in their unique way, rather than trying to blend them in an unnatural manner.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

यह मुहावरा किस प्रकार का है?

यह मुहावरा उपमेय या अलंकारिक भाषा का हिस्सा है, जिसमें तीतर और मुर्गा को सिरे से जोड़कर एक स्थिति को व्यक्त किया जाता है।

आधा तीतर आधा मुर्गा मुहावरा का क्या अर्थ है?

इस मुहावरे का अर्थ है किसी कार्य में आधा सफलता या साफलता होना।

क्या इसका उपयोग केवल साकारात्मक संदर्भों में हो सकता है?

नहीं, इसका उपयोग नकारात्मक संदर्भों में भी किया जा सकता है, जैसे किसी के सफलता की कमी को बताने के लिए।

क्या इस मुहावरे का कोई वास्तविक सांदर्भ है?

नहीं, यह मुहावरा केवल भाषा के उपयोग के लिए है और किसी वास्तविक स्थिति का वर्णन नहीं करता।

क्या इस मुहावरे का कोई विशेष संदेश है?

नहीं, इसका कोई विशेष संदेश नहीं है, यह केवल भाषा का एक रूप है जो किसी स्थिति को साकारात्मक या नकारात्मक रूप में व्यक्त करने के लिए किया जाता है।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

यह मुहावरा जानवर पर मुहावरे पेज पर भी उपलब्ध है।

यह मुहावरा अ से शुरू होने वाले मुहावरे पेज पर भी उपलब्ध है।

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