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आपित्तकाले मर्यादानास्ति अर्थ, प्रयोग(Aapattikale Maryadanasti)

परिचय: हिंदी की प्रसिद्ध कहावतों में से एक है “आपित्तकाले मर्यादानास्ति”। यह वाक्यांश संस्कृत से लिया गया है और इसका शाब्दिक अर्थ है, “आपत्काल में मर्यादा का कोई स्थान नहीं होता”।

अर्थ: इस कहावत का मूल भाव यह है कि जब कोई व्यक्ति या समाज किसी गंभीर संकट या आपदा का सामना कर रहा होता है, तब नियमों और परंपरागत मर्यादाओं का कड़ाई से पालन करना संभव नहीं होता। ऐसे कठिन समय में, प्राथमिकता संकट से निपटने की होती है, न कि नियमों के अक्षरशः पालन की।

प्रयोग: इस कहावत का प्रयोग अक्सर ऐसी स्थितियों में किया जाता है जहां विषम परिस्थितियाँ हों और त्वरित निर्णय लेने की आवश्यकता हो। यह हमें यह सिखाती है कि कभी-कभी परिस्थितियां हमें नियमों से इतर चलने के लिए प्रेरित करती हैं।

उदाहरण:

मान लीजिए, एक डॉक्टर को आपातकालीन स्थिति में बिना पूर्ण प्रक्रिया का पालन किए एक जीवन-रक्षक ऑपरेशन करना पड़ता है। इस स्थिति में, डॉक्टर “आपित्तकाले मर्यादानास्ति” के सिद्धांत का अनुसरण करते हुए, मरीज की जान बचाने के लिए तत्पर होता है, भले ही इसके लिए कुछ नियमों को अनदेखा करना पड़े।

निष्कर्ष: “आपित्तकाले मर्यादानास्ति” एक ऐसी कहावत है जो हमें सिखाती है कि जीवन में कभी-कभी असाधारण परिस्थितियों का सामना करते समय, नियमों और प्रथाओं से ऊपर उठकर सोचना और कार्य करना पड़ता है। यह हमें यथार्थवादी, लचीला और समझदारी से निर्णय लेने की कला सिखाती है।

Hindi Muhavare Quiz

आपित्तकाले मर्यादानास्ति मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे से गाँव में सुधीर नामक एक युवा डॉक्टर रहता था। वह अपने दयालु स्वभाव और उत्कृष्ट चिकित्सा कौशल के लिए प्रसिद्ध था।

एक दिन, गाँव में भयंकर बाढ़ आ गई। सभी लोग घबराए हुए थे और अपनी जान बचाने के लिए सुधीर के अस्पताल में शरण ली। अचानक, एक महिला गंभीर चोट के साथ वहाँ लाई गई, जिसका तत्काल ऑपरेशन करना जरूरी था।

सुधीर के सामने एक बड़ी समस्या थी। बाढ़ के कारण बिजली चली गई थी और ऑपरेशन थिएटर का उपकरण काम नहीं कर रहा था। नियमानुसार, ऐसी स्थिति में ऑपरेशन करना निषिद्ध था।

सुधीर को तब “आपित्तकाले मर्यादानास्ति” की कहावत याद आई। उसने सोचा कि इस आपात स्थिति में नियमों का पालन करने से ज्यादा जरूरी महिला की जान बचाना है।

सुधीर ने तुरंत अपनी टीम को इकट्ठा किया और मशालों की रोशनी में ऑपरेशन शुरू किया। उसने अपने साहस और बुद्धिमत्ता से महिला की जान बचा ली।

इस घटना ने सभी को सिखाया कि कभी-कभी आपात स्थितियों में, परंपरागत नियमों से ऊपर उठकर सोचना और कार्य करना पड़ता है। सुधीर का यह कदम “आपित्तकाले मर्यादानास्ति” की व्यावहारिकता को प्रमाणित करता है।

इस तरह, सुधीर ने न केवल एक जीवन बचाया बल्कि यह भी दिखाया कि कठिन समय में सही निर्णय और साहस कितने महत्वपूर्ण होते हैं।

शायरी:

जब आए बादल घनेरे, टूटें सब बंधन के डेरे,

“आपित्तकाले मर्यादानास्ति” का अर्थ समझे रे।

जिंदगी की राह में, कब क्या देखा ये जहान,

आपदा की इस घड़ी में, नियम तोड़े इंसान।

नियमों की चादर में, छुपा ना पाएंगे हम अपने आंसू,

जब वक्त पड़े भारी, तोड़ दें वो सारे बंधन रस्मों-रिवाजू।

हालात की इस चाल में, बदल जाते हैं सभी फैसले,

“आपित्तकाले मर्यादानास्ति” में छुपे हैं जीवन के सबसे सजीले।

मर्यादा की बातें सब, वक्त की धारा में बह जाए,

जब आपदा आए सामने, तब हर कोई ये राह अपनाए।

इस शायरी के जरिए, “आपित्तकाले मर्यादानास्ति” का संदेश फैलाएं,

जीवन की इस आपदा में, नए रास्ते हम खुद बनाएं।

 

आपित्तकाले मर्यादानास्ति शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of आपित्तकाले मर्यादानास्ति – Aapattikale Maryadanasti Idiom:

Introduction: One of the famous Hindi proverbs is “आपित्तकाले मर्यादानास्ति”. This phrase, derived from Sanskrit, literally means “In times of crisis, there is no place for decorum.”

Meaning: The core essence of this proverb is that when an individual or society faces a severe crisis or disaster, it becomes impractical to strictly adhere to rules and traditional boundaries. In such tough times, the priority shifts to dealing with the crisis, rather than following the rules to the letter.

Usage: This proverb is often used in situations where there are adverse circumstances, and swift decision-making is required. It teaches us that sometimes circumstances compel us to act beyond the norms.

Example:

For instance, a doctor might have to perform a life-saving operation in an emergency situation without following the complete protocol. In such a scenario, following the principle of “आपित्तकाले मर्यादानास्ति”, the doctor becomes ready to save the patient’s life, even if it means overlooking some rules.

Conclusion: “आपित्तकाले मर्यादानास्ति” is a proverb that teaches us that sometimes in life, especially in extraordinary circumstances, we need to think and act beyond rules and traditions. It educates us in the art of making realistic, flexible, and wise decisions.

Story of ‌‌Aapattikale Maryadanasti Idiom in English:

In a small village lived a young doctor named Sudhir. He was famous for his compassionate nature and excellent medical skills.

One day, a terrible flood hit the village. Everyone was panic-stricken and sought refuge in Sudhir’s hospital. Suddenly, a woman with severe injuries was brought in, requiring immediate surgery.

Sudhir faced a significant problem. Due to the flood, the electricity was out, and the operation theater’s equipment wasn’t working. According to the rules, performing surgery in such a condition was prohibited.

That’s when Sudhir remembered the proverb “आपित्तकाले मर्यादानास्ति” (In times of crisis, there is no place for decorum). He thought that in this emergency, saving the woman’s life was more important than following the rules.

Sudhir quickly gathered his team and began the operation in the light of torches. With his courage and intelligence, he managed to save the woman’s life.

This incident taught everyone that sometimes, in emergency situations, it’s necessary to think and act beyond traditional rules. Sudhir’s action proved the practicality of the principle “आपित्तकाले मर्यादानास्ति”.

Thus, Sudhir not only saved a life but also demonstrated how crucial the right decisions and courage are during difficult times.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या इस मुहावरे का उपयोग केवल समय से समय पर ही होता है?

नहीं, यह मुहावरा अच्छे व्यवहार और सावधानी के सिलसिले में भी उपयुक्त है।

इस मुहावरे का प्रयोग किस प्रकार से होता है?

यह मुहावरा विभिन्न परिस्थितियों में सतर्क रहने और नियमों का पालन करने की सलाह देने के लिए प्रयुक्त होता है।

आपित्तकाले मर्यादानास्ति मुहावरा का अर्थ क्या है?

इस मुहावरे का अर्थ है कि किसी अशुभ समय में सावधानी बरतना चाहिए और सीमाएँ परिभाषित की जाती हैं।

क्या इस मुहावरे का उपयोग केवल रूढ़िवादी भाषा में होता है?

नहीं, यह मुहावरा सामान्य व्यावसायिक और आम भाषा में भी प्रचलित है।

क्या इस मुहावरे का कोई ऐतिहासिक संदर्भ है?

इस मुहावरे का सीधा कोई ऐतिहासिक संदर्भ नहीं है, लेकिन यह जीवन के नियमों की महत्वपूर्णता पर बल देता है।

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