“मैं नहीं चाहता कि मेरे घर की दीवारें हर तरफ से बंद हों और मेरे खिड़कियाँ भरी हुई हों। मैं चाहता हूं कि सभी देशों की संस्कृतियाँ मेरे घर में जितना संभव हो सके उड़ने दी जाएं। लेकिन मैं किसी से भी अपने पैरों से उड़ाने की अनुमति नहीं देता।”
गांधीजी के विचार भारतीय सांस्कृतिक पर